Global Oil Prices Reduced – पेट्रोल-डीजल के दाम हर आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालते हैं। चाहे सब्ज़ी वाला हो, ऑफिस जाने वाला हो या फिर स्कूल बस चलाने वाला ड्राइवर – हर किसी की ज़िंदगी कहीं न कहीं इन फ्यूल प्राइसेज़ से जुड़ी होती है। बीते कुछ महीनों से लोग पेट्रोल और डीजल की महंगाई से परेशान थे, लेकिन अब राहत की खबर आई है। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है और इसका सीधा असर भारत में भी दिखाई देने लगा है। देश के कई शहरों में पेट्रोल-डीजल के रेट्स में भारी गिरावट आई है, जिससे लोगों के खर्चों में काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
ग्लोबल मार्केट में क्यों सस्ता हुआ कच्चा तेल?
पिछले कुछ हफ्तों में इंटरनेशनल क्रूड ऑयल मार्केट में कीमतों में तेज़ गिरावट दर्ज की गई है। इसके पीछे कुछ अहम कारण हैं:

- अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों की तेल खपत में कमी आई है।
- रूस और ईरान जैसे देशों ने तेल का एक्सपोर्ट बढ़ा दिया है।
- OPEC देशों के बीच प्रोडक्शन को लेकर नया समझौता नहीं बन पाया है।
- दुनियाभर में मंदी की आशंका के कारण निवेशकों ने कच्चे तेल में रुचि घटा दी है।
इस वजह से ब्रेंट क्रूड और डब्ल्यूटीआई क्रूड दोनों ही इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई, जिसका सीधा असर भारत जैसे आयात-निर्भर देशों पर पड़ा है।
भारत में कैसे तय होते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज़ाना अपडेट होती हैं, जिसे ‘डेली प्राइस रिवीजन सिस्टम’ कहा जाता है। इन दामों को तय करने में कई फैक्टर्स काम करते हैं:
- इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें
- डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट
- टैक्स (एक्साइज ड्यूटी + वैट)
- मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टेशन लागत
- ऑइल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा
जैसे ही कच्चे तेल की कीमतें घटती हैं, और रुपये की स्थिति मजबूत होती है, कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट्स में कटौती करने लगती हैं।
आपके शहर में पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें क्या हैं?
नीचे दी गई टेबल में देश के प्रमुख शहरों की नई कीमतें दी गई हैं। यह रेट्स 10 जुलाई 2025 के अनुसार हैं:
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
---|---|---|
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 99.45 | 91.25 |
कोलकाता | 96.88 | 89.18 |
चेन्नई | 95.98 | 89.78 |
लखनऊ | 94.15 | 87.20 |
भोपाल | 96.45 | 89.60 |
जयपुर | 97.32 | 90.22 |
अहमदाबाद | 95.10 | 88.44 |
सस्ता पेट्रोल-डीजल: आम आदमी के लिए क्या हैं फायदे?
जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट आती है, तो उसका सीधा असर कई चीज़ों पर होता है:
- ट्रांसपोर्ट सस्ता होता है: पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ट्रक भाड़ा कम हो जाता है जिससे सभी सामान की कीमतों पर असर पड़ता है।
- सब्ज़ी और किराने के सामान सस्ते होते हैं: ट्रांसपोर्ट खर्च घटने से ज़रूरी चीज़ें कम दाम में मिलने लगती हैं।
- डिलीवरी सर्विस सस्ती: फूड डिलीवरी, ई-कॉमर्स और कुरियर सेवाएं सस्ती होती हैं।
- पर्सनल खर्च में राहत: गाड़ी चलाने वालों के लिए महीने का खर्च कम हो जाता है।
एक परिवार का अनुभव: कैसे बदल गया उनका बजट?
मेरठ के रहने वाले राकेश वर्मा एक प्राइवेट स्कूल बस चलाते हैं। उन्होंने बताया कि बीते तीन महीनों से उन्हें हर हफ्ते लगभग ₹1,500 का डीजल भरवाना पड़ता था, लेकिन अब दाम घटने से उनकी साप्ताहिक लागत ₹1,300 रह गई है। महीने भर में लगभग ₹800 की बचत हो रही है। यही नहीं, उनकी वाइफ किराने की दुकान चलाती हैं, जहां ट्रांसपोर्ट सस्ता होने से माल सस्ते में मिल रहा है।
कब तक रहेगा ये फायदा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह नीचे बनी रहीं और भारत सरकार टैक्स में कोई बड़ा बदलाव नहीं करती, तो आने वाले 1-2 महीनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर या और सस्ती हो सकती हैं। हालांकि, ग्लोबल घटनाएं जैसे युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं या सप्लाई में बाधा कभी भी कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।

कैसे करें सस्ते पेट्रोल-डीजल का फायदा?
- फ्यूल ऐप्स का इस्तेमाल करें जो आपको आस-पास के पेट्रोल पंप्स के रेट दिखाते हैं।
- कैशबैक और फ्यूल कार्ड्स का इस्तेमाल करें जिनसे आप हर रिफिल पर कुछ न कुछ बचा सकते हैं।
- कारपूलिंग करें और फ्यूल खर्च को दूसरों के साथ शेयर करें।
- ड्राइविंग हैबिट्स में सुधार करें जैसे कि गाड़ी को रफ्तार में रखें, बार-बार ब्रेक ना लगाएं और गाड़ी को फालतू स्टार्ट करके न छोड़ें।
सरकार क्या कदम उठा सकती है?
अगर कच्चे तेल की कीमतें और गिरती हैं तो केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स घटाकर लोगों को और राहत दे सकती हैं। इसके अलावा, फ्यूल प्राइस को GST के तहत लाने की भी चर्चाएं फिर से तेज़ हो सकती हैं, जिससे रेट्स और पारदर्शी और स्थिर हो सकते हैं।
पेट्रोल-डीजल के दामों में आई ताज़ा गिरावट हर आम आदमी के लिए एक राहत की खबर है। जहां एक ओर महंगाई से परेशान जनता को थोड़ी राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर यह संकेत भी है कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में हालात स्थिर रहें, तो और सस्ते पेट्रोल-डीजल के दिन देखे जा सकते हैं। ऐसे समय में समझदारी से फ्यूल का इस्तेमाल और थोड़ी प्लानिंग आपकी जेब के लिए बड़ा फायदा साबित हो सकती है।
पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या यह सस्ते दाम लंबे समय तक रहेंगे?
इसका सीधा जवाब है – यह पूरी तरह ग्लोबल मार्केट और भारत सरकार की पॉलिसी पर निर्भर करता है।
2. क्या राज्य सरकारें भी रेट घटा सकती हैं?
हां, अगर राज्य सरकारें VAT कम करती हैं तो रेट और गिर सकते हैं।
3. क्या अभी पेट्रोल पंप्स पर अलग-अलग रेट मिलते हैं?
हां, शहर और कंपनी के अनुसार पेट्रोल-डीजल के रेट्स में थोड़ा अंतर हो सकता है।
4. क्या ऑनलाइन ऐप से फ्यूल के रेट चेक किए जा सकते हैं?
बिलकुल, पेट्रोल पंप कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स से रेट्स रियल टाइम में चेक किए जा सकते हैं।

5. क्या फ्यूल सस्ते होने से महंगाई भी घटेगी?
हां, ट्रांसपोर्ट सस्ता होने से रोजमर्रा के सामान की कीमतों में भी गिरावट आती है, जिससे महंगाई कुछ हद तक नियंत्रित होती है।