EPS Pension – देशभर के करोड़ों नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। सरकार ने EPS पेंशन योजना में बड़ा बदलाव करते हुए न्यूनतम मासिक पेंशन को ₹8,000 करने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। अभी तक पेंशन की न्यूनतम राशि ₹1,000 थी, जिससे बुजुर्गों को गुजर-बसर में मुश्किल होती थी। अब ₹8,000 मिलने से उन्हें हर महीने स्थायी आर्थिक मदद मिलेगी। इस कदम से न सिर्फ रिटायर हो चुके लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि आने वाले समय में रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए भी यह एक बड़ी सौगात साबित होगी।
EPS Pension योजना क्या है?
EPS यानी Employees’ Pension Scheme, 1995 को सरकार ने उन कर्मचारियों के लिए शुरू किया था जो EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के अंतर्गत काम करते हैं। इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की सैलरी से योगदान लिया जाता है, जिसका एक हिस्सा EPS फंड में जाता है। रिटायरमेंट के बाद इस फंड से पेंशन मिलती है।

- यह योजना EPFO के जरिए चलाई जाती है।
- योजना में भाग लेने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा ज़रूरी होती है।
- रिटायरमेंट की आयु सीमा 58 साल रखी गई है, लेकिन कुछ मामलों में 50 साल की उम्र के बाद भी पेंशन शुरू हो सकती है।
₹8,000 EPS Pension योजना में नया बदलाव
सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए EPS पेंशन की न्यूनतम राशि को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹8,000 कर दिया है। इस निर्णय से करीब 3 करोड़ पेंशनधारकों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्य बातें:
- नई पेंशन राशि: ₹8,000 प्रति माह
- लागू तिथि: 1 अक्टूबर 2025 से
- लाभार्थी: EPS के तहत पंजीकृत सभी योग्य पेंशनधारक
- पहले की राशि: केवल ₹1,000 प्रति माह
इस फैसले से बुजुर्गों को बुढ़ापे में बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी। बिजली, दवा, किराया जैसे खर्चों में ये राशि बड़ी राहत साबित हो सकती है।
किसे मिलेगा इसका फायदा?
यह लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो EPS योजना के अंतर्गत आते हैं और जिन्होंने कम से कम 10 साल की सेवा पूरी कर ली है। अगर कोई व्यक्ति 58 साल की उम्र तक नौकरी करता है और उसके खाते में योगदान नियमित हुआ है, तो वह नई बढ़ी हुई पेंशन का हकदार होगा।
पात्रता की शर्तें:
- कर्मचारी EPFO के तहत रजिस्टर्ड होना चाहिए।
- EPS खाते में कम से कम 10 साल का योगदान ज़रूरी।
- न्यूनतम आयु 58 साल होनी चाहिए (कुछ मामलों में 50 साल भी मान्य)।
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए।
असली जिंदगी का उदाहरण: किसे हुआ कितना फायदा?
केस स्टडी 1:
नाम: रमेश यादव
नौकरी: प्राइवेट फैक्ट्री में ऑपरेटर (1996–2020)
पहले पेंशन: ₹1,000 प्रति माह
अब मिलने वाली पेंशन: ₹8,000 प्रति माह
फायदा: हर महीने ₹7,000 का अतिरिक्त सहयोग, जिससे अब रमेश जी अपनी दवाइयां, राशन और किराया आराम से चला पा रहे हैं।
केस स्टडी 2:
नाम: मीना देवी
नौकरी: स्कूल सफाई कर्मचारी (2000–2021)
पहले पेंशन: ₹1,000
अब मिलने वाली पेंशन: ₹8,000
फायदा: बेटियों की पढ़ाई और घर का खर्च आसानी से चलाने में मदद मिल रही है।
EPS पेंशन योजना में कितना योगदान होता है?
कर्मचारी का योगदान | नियोक्ता का कुल योगदान | EPS में नियोक्ता का हिस्सा | EPF में नियोक्ता का हिस्सा |
---|---|---|---|
12% | 12% | 8.33% | 3.67% |
हर महीने नियोक्ता द्वारा 8.33% EPS फंड में जमा होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है। यह योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी पर आधारित होता है।

EPS पेंशन बढ़ोतरी का आर्थिक असर
सरकार के इस फैसले से लगभग ₹35,000 करोड़ सालाना का अतिरिक्त भार EPS फंड पर पड़ेगा। लेकिन यह भार केंद्र सरकार उठाने को तैयार है ताकि वृद्ध लोगों को सम्मानजनक जीवन मिल सके। इससे सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी और कर्मचारियों को भविष्य के लिए अधिक भरोसा मिलेगा।
EPS पेंशन कैसे क्लेम करें?
- EPFO की वेबसाइट पर जाएं: https://www.epfindia.gov.in
- ‘पेंशन क्लेम’ सेक्शन में जाएं।
- अपने UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- फार्म 10D भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें – जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, सेवा प्रमाणपत्र आदि।
- सबमिट करने के बाद रसीद डाउनलोड करें।
- पेंशन की स्वीकृति की जानकारी SMS या पोर्टल पर मिलेगी।
EPS पेंशन के फायदे:
- आजीवन मासिक आय की गारंटी
- पत्नी को भी मिलती है पारिवारिक पेंशन
- बच्चों को भी कुछ मामलों में लाभ
- मेडिकल खर्चों में मदद
- सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में प्राथमिकता
क्या आपको EPS में शामिल होना चाहिए?
अगर आप किसी प्राइवेट या सरकारी नौकरी में हैं और आपका PF कट रहा है, तो EPS का हिस्सा बनना बेहद जरूरी है। यह आपके भविष्य की पेंशन को सुनिश्चित करता है। ₹8,000 की राशि आज के समय में छोटे शहरों में एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए काफी है।
मेरे अनुभव में, मैंने अपने चाचा को इस योजना से लाभ उठाते देखा है। पहले वे सिर्फ ₹1,000 में दवाई, बिजली और किराया नहीं चला पा रहे थे। अब ₹8,000 मिल रहा है तो खुद को आत्मनिर्भर महसूस करते हैं।
EPS पेंशन में ₹8,000 की नई घोषणा सरकार की एक बड़ी सामाजिक पहल है। यह कदम बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का मौका देता है। जो लोग अभी भी EPS को हल्के में ले रहे हैं, उन्हें समय रहते अपनी जानकारी अपडेट कर लेनी चाहिए और पेंशन क्लेम की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। आने वाले समय में पेंशन योजनाएं और भी बेहतर होंगी, लेकिन मौजूदा लाभ उठाना सबसे समझदारी भरा फैसला होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्र1. EPS पेंशन कब से ₹8,000 मिलेगी?
उत्तर: 1 अक्टूबर 2025 से यह नई राशि लागू होगी।
प्र2. क्या ₹8,000 पेंशन हर किसी को मिलेगी?
उत्तर: नहीं, यह सिर्फ उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने EPS में कम से कम 10 साल तक योगदान दिया है।
प्र3. EPS और EPF में क्या फर्क है?
उत्तर: EPS पेंशन योजना है जबकि EPF एक सेविंग स्कीम है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं।
प्र4. क्या इस योजना से परिवार को भी फायदा होता है?
उत्तर: हां, पेंशनधारी की मृत्यु के बाद पत्नी या नामांकित व्यक्ति को पारिवारिक पेंशन मिलती है।

प्र5. EPS पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
उत्तर: EPFO की वेबसाइट से फार्म 10D भरकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।